सिन्धु नदी
- सिन्धु नदी, ब्रह्मपुत्र नदी के बाद भारत में बहने वाली दूसरी सबसे लम्बी नदी है।
- भारत में बहने वाली छः सबसे लम्बी नदी का क्रम इस प्रकार है –
- ब्रह्मपुत्र – 2900 किलोमीटर
- सिन्धु – 2880 किलोमीटर
- गंगा – 2525 किलोमीटर
- सतलज – 1500 किलोमीटर
- गोदावरी – 1465 किलोमीटर
- यमुना – 1385 किलोमीटर
- सिन्धु नदी जम्मू कश्मीर में लद्दाख और जास्कर श्रेणियों के मध्य बहती है।
- सिन्धु नदी गिलगित के समीप एक गहरे गार्ज का निर्माण करती है और वहीँ से दक्षिण की तरफ मुड़कर पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है।
झेलम नदी
- झेलम नदी जम्मू कश्मीर में बेरीनाग के समीप शेषनाग झील से निकलती है और श्रीनगर होते हुए गूलर झील में मिल जाती है।
- गूलर झील से आगे ये नदी पकिस्तान सीमा के साथ साथ बहते हुए पकिस्तान में प्रवेश कर जाती है। अनंतनाग से लेकर बारामुला तक इस नदी में नौका चलायी जा सकती है।
चिनाब नदी
- ये नदी हिमाचल प्रदेश के बारालाचाला दर्रे के समीप से निकलती है।
रावी और व्यास नदी
- रावी और व्यास नदी रोहतांग दर्रे के समीप से निकलती है।
सतलज नदी
- सतलज नदी तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट राकसताल से निकल कर शिपकीला दर्रे के समीप से होते हुए हिमाचल प्रदेश में प्रवेश कर जाती है।
- सतलज नदी हिमाचल प्रदेश में वृहद हिमालय को काटकर शिप्कीला गार्ज का निर्माण करती है।
- भारत में ये नदी हिमाचल और पंजाब से होते हुए पाकिस्तान में प्रवेश कर जाती है।
- सतलज नदी सिन्धु नदी तंत्र की शेष चार नदियों (झेलम, चिनाब, रावी और व्यास) का जल लेकर सम्मिलित रूप से पकिस्तान के मिठानकोट में सिन्धु नदी मिल जाती है।
- पंचनद के अलावा भी कुछ अन्य छोटी नदियाँ भी सिन्धु नदी में मिलती हैं।
- जास्कर
- श्यांग
- शिगार
- गिलगित
ये सभी नदियाँ जम्मू कश्मीर में सिन्धु नदी से मिलती हैं।
- इसके अलावा दांये तट पर भी कुछ नदियाँ जम्मू कश्मीर राज्य में ही सिन्धु नदी से मिलती हैं।
- श्योक
- काबुल
- कुर्रम
- गोमल
- 1960 में सिन्धु नदी जल समझौता हुआ था। जिसके अंतर्गत पश्चिम की तीन नदियों अर्थात सिन्धु झेलम और चिनाब का 80% जल पकिस्तान और व पूर्व की तीन नदियों रावी व्यास और सतलज का 80% प्रतिशत जल भारत प्रयोग में लायेगा।